Star Health Data Leak: हाल ही में स्टार हेल्थ कंपनी एक बड़े साइबर हमले की चपेट में आई है, जिसमें ग्राहकों का संवेदनशील डाटा लीक हो गया है। इस घटना ने कंपनी के शेयर बाजार में भी हलचल मचा दी, और शेयरों में 11% की गिरावट देखी गई, घटना के बाद से कंपनी लगातार जांच कर रही है और कानूनी कदम उठा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी का एक वरिष्ठ अधिकारी इस डाटा लीक में शामिल हो सकता है, और एक हैकर ने इसके लिए कंपनी से 57 लाख रुपये की फिरौती मांगी है। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं।
Star Health Data Leak: डाटा लीक का खुलासा
पिछले महीने, स्टार हेल्थ के साइबर सिक्योरिटी सिस्टम पर एक गंभीर हमला हुआ, जिसके परिणामस्वरूप लाखों ग्राहकों की निजी जानकारी लीक हो गई। यह जानकारी न केवल नाम, मोबाइल नंबर और पता तक सीमित थी, बल्कि मेडिकल रिकॉर्ड्स भी शामिल थे, इस डाटा लीक के बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। पहले तो कंपनी ने किसी भी प्रकार की डाटा लीक की घटना को नकार दिया था, लेकिन बाद में उसने यह स्वीकार किया कि साइबर अटैक के चलते ग्राहकों का डाटा लीक हुआ है।
प्रमुख अधिकारी पर शक
जांच के दौरान यह सामने आया है कि इस डाटा लीक में कंपनी का मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (CISO) अमरजीत खनूजा संदेह के घेरे में हैं। कंपनी की तरफ से जांच की जा रही है कि खनूजा ने इस डाटा लीक में कोई भूमिका निभाई है या नहीं। हालांकि, इस मामले पर खनूजा ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग देने का वादा किया है। कंपनी फिलहाल इस दिशा में जांच कर रही है कि क्या डाटा लीक के पीछे कोई अंदरूनी षड्यंत्र था।
फिरौती की मांग
साइबर हमले के बाद, एक अज्ञात हैकर ने स्टार हेल्थ से करीब 57 लाख रुपये (68,000 डॉलर) की फिरौती की मांग की है। यह फिरौती विशेष रूप से उन ग्राहकों के डाटा के लिए मांगी गई है जिनकी निजी जानकारी और मेडिकल रिकॉर्ड्स लीक हो गए हैं। इस डाटा लीक से कंपनी की साख को गंभीर नुकसान हुआ है, और साथ ही यह ग्राहकों की सुरक्षा को लेकर चिंता का विषय बन गया है। कंपनी ने इस हैकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और उसे रोकने के लिए विभिन्न प्लेटफार्म्स, जैसे कि टेलीग्राम, पर भी कदम उठाए हैं।
बाजार पर असर
Star Health, जो लगभग 4 बिलियन डॉलर के बाजार पूंजीकरण वाली कंपनी है, इस घटना के बाद आर्थिक नुकसान का भी सामना कर रही है। जब इस डाटा लीक की खबरें बाहर आईं, तो कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। लगभग 11% की गिरावट के साथ, यह साइबर अटैक कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर भी गहरा असर डाल सकता है। साथ ही, कंपनी की छवि और ग्राहकों का विश्वास भी इस घटना के कारण प्रभावित हो सकता है।
कानूनी कार्रवाई और जांच
डाटा लीक के मामले को गंभीरता से लेते हुए स्टार हेल्थ ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। टेलीग्राम पर सक्रिय हैकर को ट्रैक करने और उसे कानूनी सजा दिलाने के लिए साइबर विशेषज्ञों और अधिकारियों की टीम जुटी हुई है, कंपनी इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर यह डाटा लीक किस प्रकार से हुआ और इसके पीछे कौन-कौन शामिल हो सकते हैं।
डाटा लीक के जोखिम
डाटा लीक किसी भी कंपनी के लिए न केवल वित्तीय बल्कि नैतिक जिम्मेदारी का भी सवाल खड़ा करता है, ग्राहकों की निजी जानकारी, खासकर उनके मेडिकल रिकॉर्ड्स, को सुरक्षित रखना बेहद महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के साइबर अटैक से यह स्पष्ट हो जाता है कि कंपनियों को अपनी सुरक्षा व्यवस्थाओं को और भी मजबूत करने की आवश्यकता है।
डाटा सुरक्षा के उपाय
डाटा लीक जैसी घटनाओं से बचने के लिए कंपनियों को अपने सुरक्षा तंत्र को और भी सख्त बनाना चाहिए। कुछ प्रमुख उपाय जिनसे ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है, वे इस प्रकार हैं:
- साइबर सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर का नियमित अपडेट: कंपनियों को अपने सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखना चाहिए ताकि नए-नए साइबर हमलों से निपटा जा सके।
- कर्मचारियों का साइबर सिक्योरिटी प्रशिक्षण: कर्मचारियों को नियमित रूप से साइबर सुरक्षा से जुड़े ट्रेनिंग सेशन दिए जाने चाहिए।
- दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication): ग्राहकों की निजी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तंत्र लागू करना चाहिए।
- डेटा एन्क्रिप्शन: ग्राहकों के डाटा को एन्क्रिप्टेड फॉर्म में स्टोर करना चाहिए ताकि यदि डाटा चोरी भी हो, तो उसे आसानी से पढ़ा न जा सके।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
स्टार हेल्थ डाटा लीक में किस प्रकार की जानकारी लीक हुई है?
इस डाटा लीक में कौन शामिल है?
हैकर ने कितनी फिरौती मांगी है?
कंपनी ने इस घटना पर क्या कदम उठाए हैं?
इस घटना से कंपनी के शेयर बाजार पर क्या असर पड़ा है?
स्टार हेल्थ का डाटा लीक मामला यह दर्शाता है कि साइबर सुरक्षा आज के समय में कितनी महत्वपूर्ण है। इस घटना ने न केवल कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर असर डाला है, बल्कि ग्राहकों के विश्वास को भी चुनौती दी है। इसलिए, सभी कंपनियों को अपनी डाटा सुरक्षा नीतियों को मजबूत करने की आवश्यकता है।
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