Google Photos New Feature: आजकल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल हर जगह बढ़ता जा रहा है, चाहे वो टेक्स्ट जनरेट करना हो, वीडियो एडिटिंग या फिर तस्वीरें बनाने का काम। इसी बढ़ते AI के उपयोग के कारण, कभी-कभी हमें असली और नकली (DeepFake) तस्वीरों के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है। Google ने इस समस्या को हल करने के लिए एक नया फीचर लॉन्च करने की योजना बनाई है, जो Google Photos ऐप के माध्यम से यूजर्स को एआई द्वारा बनाई गई तस्वीरों की पहचान करने में मदद करेगा। आइए जानते हैं इस फीचर के बारे में विस्तार से।
Google Photos New Feature
Google Photos में जल्द ही एक ऐसा फीचर आने वाला है जो यूजर्स को यह जानकारी देगा कि कोई तस्वीर एआई द्वारा बनाई गई है या नहीं। Android Authority की एक रिपोर्ट के अनुसार, Google Photos के वर्जन 7.3 में यह फीचर देखा गया, हालांकि अभी यह एक्टिव नहीं है। यह फीचर यूजर्स को उनकी गैलरी में मौजूद किसी भी इमेज के डिजिटल सोर्स और AI से संबंधित जानकारी देगा।
इस फीचर के आने से उन यूजर्स को मदद मिलेगी, जिन्हें यह जानने में मुश्किल होती है कि कौन सी तस्वीर असली है और कौन सी एआई द्वारा बनाई गई है।
DeepFake से बचाव
डीपफेक एक ऐसी तकनीक है जिसमें एआई का इस्तेमाल करके तस्वीरों, वीडियो और ऑडियो को इस तरह से बदल दिया जाता है कि वे असली लगें, जबकि वे नकली होते हैं। कई बार इसका इस्तेमाल गलत जानकारी फैलाने या धोखाधड़ी करने के लिए किया जाता है।
हाल ही में, अमिताभ बच्चन ने एक कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें उनके डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल किया गया था। इस वीडियो में उन्हें उस कंपनी के उत्पादों का प्रमोशन करते हुए दिखाया गया था, जबकि असल में उन्होंने ऐसा कोई विज्ञापन नहीं किया था।
Ai एट्रिब्यूशन टैग
इस नए फीचर में ID टैग जोड़े जा रहे हैं, जो इमेज के AI सोर्स और डिजिटल जानकारी को दिखाएंगे। यानी, जब आप अपनी गैलरी में किसी तस्वीर को देखेंगे, तो गूगल फोटोज आपको बताएगा कि वह तस्वीर एआई द्वारा बनाई गई है या असली है। इससे आपको यह समझने में आसानी होगी कि किसी तस्वीर में बदलाव किया गया है या नहीं।
फीचर का महत्व
यह फीचर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आजकल एआई का उपयोग इतना बढ़ गया है कि कई बार यूजर्स असली और नकली तस्वीरों में फर्क नहीं कर पाते। डीपफेक जैसी तकनीकें केवल मनोरंजन या विज्ञापन में ही नहीं, बल्कि धोखाधड़ी, गलत जानकारी फैलाने और साइबर अपराध में भी उपयोग हो सकती हैं।
गूगल का यह कदम डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे यूजर्स को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि जो तस्वीरें वे देख रहे हैं, वे असली हैं या एआई द्वारा बनाई गई हैं।
Google Photos का अपडेट
Google Photos का यह नया अपडेट वर्जन 7.3 में आने वाला है। हालांकि, यह फीचर अभी एक्टिव नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि इसे जल्द ही एक्टिव कर दिया जाएगा।
यूजर्स के लिए फायदे
- सुरक्षा: यह फीचर यूजर्स को गलत जानकारी से बचाएगा।
- डीपफेक से बचाव: एआई द्वारा बनाई गई तस्वीरों की पहचान कर पाना अब आसान हो जाएगा।
- विश्वसनीयता: तस्वीरों की विश्वसनीयता बढ़ेगी, जिससे आप किसी भी तस्वीर पर भरोसा कर सकेंगे।
- डिजिटल जानकारी: तस्वीरों के डिजिटल सोर्स के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
गूगल की Ai से सुरक्षा की दिशा में कदम
गूगल हमेशा से ही सुरक्षा और प्राइवेसी को प्राथमिकता देता रहा है। यह नया फीचर एक और उदाहरण है कि कैसे गूगल एआई की दुनिया में हो रहे गलत उपयोग को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।
डीपफेक जैसे खतरों से निपटने के लिए यह फीचर बेहद उपयोगी साबित होगा। जब यह फीचर पूरी तरह से लॉन्च हो जाएगा, तो यूजर्स के लिए यह जानना आसान हो जाएगा कि कौन सी तस्वीर एआई से बनाई गई है और कौन सी नहीं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
Google Photos का नया फीचर कब लॉन्च होगा?
क्या यह फीचर सिर्फ तस्वीरों के लिए होगा?
डीपफेक क्या है?
क्या यह फीचर सभी Android यूजर्स के लिए होगा?
क्या इस फीचर से प्राइवेसी में कोई खतरा है?
इस प्रकार, Google Photos का यह नया फीचर यूजर्स को सुरक्षित रखने और गलत जानकारी से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, यह डिजिटल युग में एआई से जुड़ी समस्याओं का हल निकालने में मददगार साबित होगा।
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